आज सुबह धर्मपत्नी आयी,
आते ही चिल्लाईं,
व्हाट्सएप्प पे ये क्या अफवाह है?
ये कौन सोनम गुप्ता है, जो बेवफा है?
हमने कहा, होगी किसी कर्मजले की माशूका,
जिसने होगा किसी एटीएम की लाइन पे उस पे थूका
ये छोड़ो, बताओ, आज तो बड़ा जंच रही हो
गुलाबी साड़ी में दो हज़ार का करारा नोट लग रही हो
पत्नी जी बोली, आज तो बैंक जाना है
घर खर्च के लिए छुट्टे पैसे लाना है
हमने सोचा, इसके पास काला धन कहाँ से आया?
सरस्वती के पुजारी के घर लक्ष्मी! ये कैसी माया?
कल रात सोच रहा था, लोगो के दिल सुलगा दूं
एक बोरी में रद्दी कागज़ भर कर जला दूं
पड़ोसियों रिश्तेदारों पे रॉब तो पड़ जाता
मगर खास खास के प्रदूषण से मेरा ही दम घुट जाता
क्योंकि, इतिहास में हमने हमेशा पढ़ा है
प्रदुषण हो या पैसे, फोन हो या सिम कार्ड,
लाइन में हमेशा कॉमन मैन ही खड़ा है
और उस समय भी कॉमन मैन ही दहल जाता है
जब कोई, ‘अजी सुनते हो’, या ‘मेरे प्यारे भाइयों और बहनों’, की आवाज़ लगता है
कॉमन मैन की भलाई ही सदैव हमारे विचार में है
कृप्या पचास दिन प्रतीक्षा करें, देश कतार में है।
बेहतरीन विवेक
ReplyDeleteCommendable 👌👌
ReplyDeleteWaah Janab....Indeed!
ReplyDeleteWahoo nice one veka
ReplyDeleteNice
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