Saturday, June 22, 2024

आफत

उनसे नज़रें मिल जाएं बस 

मुड़ मुड़ कर देखा किये उन्हें राह भर

मगर दिल की उलझन भी अजीब है

वो नज़रें मिलाएं तो आफत न मिलाएं तो आफत 


उनसे मिलने के आरज़ू में 

जगा किये हम रात भर

मगर दिल की उलझन भी अजीब है

वो आएं तो आफत न आएं तो आफत 


तीर-ए-इश्क़ ने ऐसा ज़ख्म दिया हमें

के सांसें थम जाए उनकी हर बात पर

मगर दिल की उलझन भी अजीब है 

वो मुस्कुराएं तो आफत और दिल जलाये तो आफत

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